गुड़गाँव की ऐपिसेंटर कला दीर्घा में अर्चना भसीन, अनूप श्रीवास्तव, भावना रस्तोगी, कीर्ति सरकार, ललित जैन, मनीषा खन्ना, मीनू मेहरोत्रा, नंदिनी वर्मा, निधि अग्रवाल, पारुल एरन, प्रशांत सरकार, संगीता मल्होत्रा, सायरा एच, सारंग सिंगला, सीमा जिंदल, शालिनी गुप्ता, स्वाति गोडबोले, तमन्ना सी, वंदना तनेजा और सुरेखा सदाना के चित्रों की समूह प्रदर्शनी २८
अगस्त से शुरू हुई है | यहाँ प्रदर्शित चित्रों को दो सितम्बर तक देखा
जा सकेगा | यहाँ प्रदर्शित चित्रों में अभिव्यक्त हुई
कल्पनाशीलता और सृजनात्मकता आकर्षित भी करती है
और गहरे तक प्रभावित भी | सुरेखा सदाना के काम को मैं
पहले भी देख चुका हूँ, लेकिन बाकी चित्रकारों के काम को मैंने पहली बार ही देखा है इसलिए उन पर विस्तार से कुछ
कह पाना संभव नहीं होगा और ऐसा करना जल्दबाजी भी होगी | यहाँ प्रदर्शित काम ने लेकिन इतना असर जरूर किया है कि इन चित्रकारों के और और कामों को लेकर उत्सुकता पैदा हुई है | और काम देखने का यदि कभी मौका मिला तो मुझे विश्वास है कि कला के विविधतापूर्ण आयामों से मेरा परिचय और सघन ही होगा | इस समूह
चित्र प्रदर्शनी में सुरेखा सदाना की नई पेंटिंग्स ने उनकी
प्रयोगशीलता और कल्पना व यथार्थ के बीच संयोजन की
उनकी सामर्थ्य के प्रति मुझे और आश्वस्त किया है | दिलचस्प
संयोग है कि अपनी पत्रिका "प्रसंग" के आगामी
अंक में सुरेखा सदाना की कला पर मैंने दो लेख लिखे/छापे हैं | उक्त
दोनों लेखों को यहाँ लगाया जा रहा है | यहाँ लगाई
गईं फोटो सुरेखा सदाना की नई पेंटिंग्स की फोटो हैं |

offering
24x48 inches
oil on canvas

attainment
24x48 inches
oil on canvas

infinite
24x48 inches
oil on canvas

benediction
36x48 inches
oil on canvas


